लास्ट पोस्ट अमानतुल्ला खान मुद्दे पे:-
जब अमानतुल्ला ने बयान दिया तो उसे पार्टी की तरफ से तलब किया गया,फिर वो दोबारा बोला,फिर पार्टी ने उसे बुलाया और सबूत देने को कहा,अमानतुल्ला ने कोई जवाब नही दिया,फिर उससे PAC मेम्बर से इस्तीफा ले कर उस दिन में साफ साफ जवाब देने को कहा,और कहा गया की आप बाहर कोई बयानबाजी न करेंगे,
लेकिन अमानतुल्ला ने मुख्यमंत्री आवास से निकलते ही गेट पर फिर से बयान दे दिया की "कुमार विश्वास" BJP एजेंट है,ये सुनते ही मामला भड़क गया,कुमार विश्वास को लगा की ये अदर से आया है PAC मेटिंग से,और फिर ऐसा बयान दिया,कही अंदर से आदेश तो नही था,इससे मामला भड़क गया,यहां तक की ये शब्द सुनने के बाद कुमार "रों दिए",और फिर मामला इतना बड़ा हो गया की संभालना मुश्किल हो रहा था,
इधर BJP रामविलास के पासवान के द्वारा सेट किये गए मोहरे पे फिट बैठ रहा था,क्योँ की BJP के दोनों हाथ मे लड्डू था,अगर कुमार को तोड़ दिया तो बड़ा लड्डू,क्योँ की कुमार पार्टी का नम्बर 2 नेता है,और अमानतुल्ला को तोड़ दिया तो दूसरा लड्डू की AAP मुस्लिम विरोधी है,इस तरह BJP कामयाब भी रही बहुत हद तक,अब आते है दूसरे पहलू पे,
अमानतुल्ला चुनाव के समय रामविलास पासवान की पार्टी से आया था,उसपर अरविंद जी ने भरोषा कर PAC का मेंबर बना दिये,लेकिन वो राजनीति शुरू कर दिया, कोई भी पार्टी PAC का मेंबर इतना जल्दी नही बनाती,
दूसरी बात की जब संदीप कुमार को निकाला गया तो उसने कहा की मैं "दलित"हूँ, इस लिए निकाला,जबकि संदीप कुमार का करतूत पूरी दुनिया ने देखा,
आखिर कब तक ये लोग धर्म और जात के नाम पे अपनी गलतियों को छुपाते रहेंगे, वैसे भी पार्टी ने निकाला नही,बस उसे जाँच तक ससपेंड रखा है,जांच में सही साबित हुआ तो ठीक है,वार्ना PAC निर्णय करेगी,
अमानतुल्ला को बात रखने का समय दिया गया,वो बात नही रख पाये,
हाँ पार्टी हिन्दू-मुस्लिम तब माना जाता जब अमानतुल्ला पे कोई करवाई नही होती,तो समझा जाता की मुस्लिम वोट बचाने के लिए पार्टी ने कोई एक्शन नही लिया,बाकी आप सब को पता है की आम आदमी पार्टी "वामपंथी विचारधारा"की पार्टी है,जहाँ धर्म और जाति के लिये कोई जगह नही है,
आम आदमी पार्टी ने पिछले जितने भी नेताओ को पार्टी से निलंबित किया है उसका धर्म-जात देखिये
पंकज पुष्कर-(ब्राह्मण)
अजित झा-(ब्राह्मण)
प्रशांत भूषण-(ब्राह्मण)
देवेंद्र सहरावत क्षत्रिय
योगेंद्र यादव-(यादव OBC)
जितेंद्र तोमर-ठाकुर
असीम अहमद(मुस्लिम)
अमानतुल्ला खान(मुस्लिम)
कुल मिला कर सबसे ज्यादा ब्राह्मणो को निकाला,लेकिन कोई आवाज नही उठा,और दलित या एक मुस्लिम को निलंबित किया तो धर्म जात का रोना रोने लागे, आखिर ये कौम सुधरेगी कब?
कब धर्म से ऊपर सोचेंगे ये लोग,इतनी कट्टरता किस काम की?
बाकी आप सब खुद समझदार हो,अपना भी समंझने की कोशिश करिए,
waqar choudhary
जब अमानतुल्ला ने बयान दिया तो उसे पार्टी की तरफ से तलब किया गया,फिर वो दोबारा बोला,फिर पार्टी ने उसे बुलाया और सबूत देने को कहा,अमानतुल्ला ने कोई जवाब नही दिया,फिर उससे PAC मेम्बर से इस्तीफा ले कर उस दिन में साफ साफ जवाब देने को कहा,और कहा गया की आप बाहर कोई बयानबाजी न करेंगे,
लेकिन अमानतुल्ला ने मुख्यमंत्री आवास से निकलते ही गेट पर फिर से बयान दे दिया की "कुमार विश्वास" BJP एजेंट है,ये सुनते ही मामला भड़क गया,कुमार विश्वास को लगा की ये अदर से आया है PAC मेटिंग से,और फिर ऐसा बयान दिया,कही अंदर से आदेश तो नही था,इससे मामला भड़क गया,यहां तक की ये शब्द सुनने के बाद कुमार "रों दिए",और फिर मामला इतना बड़ा हो गया की संभालना मुश्किल हो रहा था,
इधर BJP रामविलास के पासवान के द्वारा सेट किये गए मोहरे पे फिट बैठ रहा था,क्योँ की BJP के दोनों हाथ मे लड्डू था,अगर कुमार को तोड़ दिया तो बड़ा लड्डू,क्योँ की कुमार पार्टी का नम्बर 2 नेता है,और अमानतुल्ला को तोड़ दिया तो दूसरा लड्डू की AAP मुस्लिम विरोधी है,इस तरह BJP कामयाब भी रही बहुत हद तक,अब आते है दूसरे पहलू पे,
अमानतुल्ला चुनाव के समय रामविलास पासवान की पार्टी से आया था,उसपर अरविंद जी ने भरोषा कर PAC का मेंबर बना दिये,लेकिन वो राजनीति शुरू कर दिया, कोई भी पार्टी PAC का मेंबर इतना जल्दी नही बनाती,
दूसरी बात की जब संदीप कुमार को निकाला गया तो उसने कहा की मैं "दलित"हूँ, इस लिए निकाला,जबकि संदीप कुमार का करतूत पूरी दुनिया ने देखा,
आखिर कब तक ये लोग धर्म और जात के नाम पे अपनी गलतियों को छुपाते रहेंगे, वैसे भी पार्टी ने निकाला नही,बस उसे जाँच तक ससपेंड रखा है,जांच में सही साबित हुआ तो ठीक है,वार्ना PAC निर्णय करेगी,
अमानतुल्ला को बात रखने का समय दिया गया,वो बात नही रख पाये,
हाँ पार्टी हिन्दू-मुस्लिम तब माना जाता जब अमानतुल्ला पे कोई करवाई नही होती,तो समझा जाता की मुस्लिम वोट बचाने के लिए पार्टी ने कोई एक्शन नही लिया,बाकी आप सब को पता है की आम आदमी पार्टी "वामपंथी विचारधारा"की पार्टी है,जहाँ धर्म और जाति के लिये कोई जगह नही है,
आम आदमी पार्टी ने पिछले जितने भी नेताओ को पार्टी से निलंबित किया है उसका धर्म-जात देखिये
पंकज पुष्कर-(ब्राह्मण)
अजित झा-(ब्राह्मण)
प्रशांत भूषण-(ब्राह्मण)
देवेंद्र सहरावत क्षत्रिय
योगेंद्र यादव-(यादव OBC)
जितेंद्र तोमर-ठाकुर
असीम अहमद(मुस्लिम)
अमानतुल्ला खान(मुस्लिम)
कुल मिला कर सबसे ज्यादा ब्राह्मणो को निकाला,लेकिन कोई आवाज नही उठा,और दलित या एक मुस्लिम को निलंबित किया तो धर्म जात का रोना रोने लागे, आखिर ये कौम सुधरेगी कब?
कब धर्म से ऊपर सोचेंगे ये लोग,इतनी कट्टरता किस काम की?
बाकी आप सब खुद समझदार हो,अपना भी समंझने की कोशिश करिए,
waqar choudhary
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