Sunday, 28 March 2021

होली की शुरुवात कैसे हुई..?

 रंगों का त्यौहार होली एक ऐसा पर्व है जो भारत के कोने – कोने में मनाया जाता है, यह एक ऐसा त्यौहार है जो हर साल उन लोगो को याद दिलाता है जो कुकर्म करते हैं, कहते हैं मुझसे बड़ा कोई नहीं, अर्थात ये त्यौहार हमें एक सबक देता है, कि बुराई पे अच्छाई की जीत निश्चित है,

    

अबकी बार होली  में रंगों का बौछार होने वाला है तो चलिये आपको  होली से जुड़े कुछ बातें और इसकी कहानी कि कैसे इसकी शुरुवात हुई?

होली बसंत ऋतू के फागुन मॉस में मनाया जाता है आपको बता दें की होली सिर्फ भारत में नहीं बल्कि नेपाल में भी बड़ी धूम धाम से मनाया जाता है, आइये जानते हैं की होली क्यों मनाई जाती है ? चलिये कहानी पर आते हैं, आपने हिरनकश्यप का नाम तो सुना होगा वो एक बहुत ही अहंकारी और घमंडी असुर था, वो कुकुर्मी और अत्याचारी था, लोगों पर दया नहीं करता था, लकिन उसका पुत्र प्रहलाद भगवान् विष्णु का भक्त था वो सच्चाई पर चलता था तथा भगवान विष्णु की पूजा करता था,

Waqar Choudhary Holi Celebration


 जो उसके पिता को अच्छा नहीं लगता था उसने अपने ही पुत्र प्रहलाद को जान से मारने को योजना बनाई जिसमे वह कई बार विफल हुआ और अंततः उसने अपनी बहन होलिका को बुलाया जो आग में नहीं जलती थी उसे वरदान था की वह आग में नहीं जलेगी

इसलिए हिरनकश्यप ने योजना बनाकर अपनी बहन होलिका के साथ प्रहलाद को आग की शैया पर बैठा दिया और आग लगा दी गयी प्रहलाद तो नहीं जले लकिन होलिका जाल कर राख हो गयी

और ऐसे ही कई प्रयासों के बाद भागवान विष्णु ने नरसिंह का रूप लेकर हिरण्यकश्यप का वध कर दिया जिससे यह साबित हो गया की बुराई पे अच्छाई की जीत होती है इसीलिए लोग आज भी होलिका जलाते हैं और धूम धाम से होली का पर्व मानते हैं.

                                      Manish Sisedia and Waqar Choudhary Holi Celebration


वैसे ये कहानी इतनी बड़ी है की इसके लिए एक पूरा टॉपिक ही है, लकिन मैंने इस कहानी को short में कवर किया है. आप इसकी पूरी कहानी को और इसके बारे में Wikipedia पर पढ़ सकते हैं


                                    Sanjy Singh and Waqar Choudhary Holi Celebration


No comments:

Post a Comment